स्वर: परिभाषा, उदाहरण और उपयोगिता, Swar Kise Kahte Hai?

स्वर की परिभाषा

स्वर वह ध्वनि होती है, जिसका उच्चारण बिना किसी अवरोध के मुख से निकलता है। यह भाषा की सबसे छोटी ध्वन्यात्मक इकाई होती है और इसका स्वतंत्र रूप से उच्चारण किया जा सकता है। हिंदी भाषा में स्वरों का विशेष महत्व है, क्योंकि इन्हीं के माध्यम से शब्दों का निर्माण होता है और वाक्य का सही उच्चारण संभव होता है।

स्वरों का उच्चारण करते समय हमारी श्वास बिना किसी रुकावट के मुंह से बाहर आती है, और कोई भी अन्य ध्वनि या अंग अवरोध उत्पन्न नहीं करते। हिंदी वर्णमाला में कुल 13 स्वर होते हैं।

स्वर के प्रकार

स्वरों को उनके उच्चारण की अवधि, समय और प्रयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

  1. ह्रस्व स्वर: ह्रस्व स्वरों का उच्चारण बहुत ही कम समय के लिए होता है। इनकी ध्वनि अल्प अवधि तक रहती है।
    • उदाहरण: अ, इ, उ
    • उदाहरण वाक्य: “अमृत” शब्द में ‘अ’ ह्रस्व स्वर है।
  2. दीर्घ स्वर:
    दीर्घ स्वरों का उच्चारण लंबी अवधि तक होता है। इनकी ध्वनि अधिक समय तक रहती है।
    • उदाहरण: आ, ई, ऊ
    • उदाहरण वाक्य: “आकाश” शब्द में ‘आ’ दीर्घ स्वर है।
  3. संयुक्त स्वर:
    जब दो स्वरों का संयोजन एक साथ होता है, तो इसे संयुक्त स्वर कहा जाता है।
    • उदाहरण: ऐ, औ
    • उदाहरण वाक्य: “ऐश्वर्य” शब्द में ‘ऐ’ संयुक्त स्वर है।

हिंदी भाषा में स्वर

हिंदी वर्णमाला में निम्नलिखित 13 स्वर होते हैं:

  • अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः

इन स्वरों का प्रयोग अलग-अलग शब्दों के निर्माण में होता है। प्रत्येक स्वर का उच्चारण भिन्न तरीके से किया जाता है, और इन्हीं से भाषा में संगीतमयता और लय उत्पन्न होती है।

स्वरों का उदाहरण:

  1. अ (A):
    • शब्द: अमर, अनमोल
    • उदाहरण वाक्य: “अमरता का कोई अंत नहीं होता।”
  2. आ (AA):
    • शब्द: आम, आजाद
    • उदाहरण वाक्य: “आम का पेड़ बहुत बड़ा है।”
  3. इ (I):
    • शब्द: इमली, इतिहास
    • उदाहरण वाक्य: “इमली का स्वाद खट्टा होता है।”
  4. ई (EE):
    • शब्द: ईश्वर, ईमान
    • उदाहरण वाक्य: “ईश्वर की कृपा से सबकुछ संभव है।”
  5. उ (U):
    • शब्द: उधार, उपहार
    • उदाहरण वाक्य: “उधार लेना हमेशा उचित नहीं होता।”
  6. ऊ (OO):
    • शब्द: ऊन, ऊँट
    • उदाहरण वाक्य: “ऊँट रेगिस्तान का जहाज है।”
  7. ऋ (RI):
    • शब्द: ऋतु, ऋण
    • उदाहरण वाक्य: “वसंत ऋतु का आगमन हो चुका है।”
  8. ए (E):
    • शब्द: एक, ऐसा
    • उदाहरण वाक्य: “ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता।”
  9. ऐ (AI):
    • शब्द: ऐश्वर्य, ऐलान
    • उदाहरण वाक्य: “ऐलान सुनकर सब लोग चौंक गए।”
  10. ओ (O):
  • शब्द: ओस, ओर
  • उदाहरण वाक्य: “ओस की बूँदें सुबह सुंदर लगती हैं।”
  1. औ (AU):
  • शब्द: औषधि, औजार
  • उदाहरण वाक्य: “औषधि का समय पर सेवन आवश्यक है।”
  1. अं (An):
  • शब्द: अंक, कंक
  • उदाहरण वाक्य: “अंक गणित एक महत्वपूर्ण विषय है।”
  1. अः (Ah):
  • शब्द: दुःख, श्रमः
  • उदाहरण वाक्य: “दुःख और सुख जीवन के दो पहलू हैं।”

स्वरों की उपयोगिता:

स्वर भाषा का आधार हैं। इनके बिना न तो शब्दों का निर्माण संभव है और न ही वाक्यों का। स्वरों के बिना व्यंजन भी स्वतंत्र रूप से उच्चरित नहीं किए जा सकते, इसलिए स्वरों की भाषा में महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

स्वरों की कुछ प्रमुख उपयोगिताएँ इस प्रकार हैं:

  1. शब्द निर्माण में सहायक:
    स्वरों का मुख्य उपयोग शब्दों के निर्माण में होता है। हर शब्द में स्वर का किसी न किसी रूप में प्रयोग होता है।
  2. संगीत और लय में सहायक:
    स्वरों के माध्यम से ही भाषा में लय और संगीत उत्पन्न होता है। कविता और गीतों में स्वरों का विशेष योगदान होता है।
  3. शुद्ध उच्चारण के लिए आवश्यक:
    स्वरों का सही उच्चारण भाषा को स्पष्ट और संप्रेषणीय बनाता है। स्वर के बिना उच्चारण अपूर्ण और अस्पष्ट होता है।
  4. व्यंजनों को उच्चारित करने में सहायक:
    व्यंजन अपने आप में उच्चरित नहीं हो सकते, उन्हें उच्चारित करने के लिए स्वरों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार स्वर और व्यंजन मिलकर शब्दों का निर्माण करते हैं।

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